तुम मेरा संकल्प हो #लेखनी प्रतियोगिता
तुम्हारे प्रेम की तलाश में हम बंजारे हो गए...
तुम तो तुम रहे पर अब हम "हम" न रहे...
सब होते हुए भी...एक तुम्हारे स्नेह के खातिर हम दर बदर भटका किये..
सुनो...
नमी आंखों की हो या मिट्टी की पौंधों या प्रेम की नई कोपलें उग ही जाती हैं,
पर जब मिलता है प्रेम का कुछ ऐसा परिणाम,
एक हंसती खेलती जमी भी बंजर हो जाती है...
रुंधे गले से तुम्हे हम पुकारते रहे,
थी नही कोई अहमियत हमारी तुम्हारी जिंदगी में...
फिर भी लेकर प्रेम का सागर तुम्हारे पीछे निःस्वार्थ भागते रहे..
तुम्हे हमने अपना संकल्प माना, तुमने हमको एक विकल्प माना ,
बनकर विकल्प तुम्हारा अब हम खुद के भी न रहे , तुम्हारी खुशियों के खतिर हम खुद की नजरों में अपनी अहमियत खोते रहे....
सुनो अब जहां हो वहीं जाना ठहर जाना
"पर याद रखना"
इस विकल्प का तुम ही संकल्प हो जब मन करे लौट आना😍
Sonika shukla
Shrishti pandey
23-Dec-2021 08:17 AM
Bahut badhiya
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Abhinav ji
23-Dec-2021 12:02 AM
Nice
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Swati chourasia
22-Dec-2021 09:30 PM
Wahh bohot hi sundar rachna 👌👌
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